।। श्रीश्रीगौरगदाधरै विजयेताम् ।।
अन्याभिलाषिता-शून्यं ज्ञान-कर्माद्यनावृतम् ।
आनुकूल्येन कृष्णानुशीलनं भक्तिरुत्तमा ।।
भक्तिरसामृतसिंधु १.१.११
सुकीर्तिलब्ध श्रोत्रीय ब्रह्मनिष्ठ संत-शिरोमणि परम भक्त श्रीश्री १०८ हरिदास शास्त्री महाराजजी के आश्रम का जो जगत की प्रथम शाखा है उस स्पेन स्थित नये श्री हरिदास निवास के वेबसाइट में आपका स्वागत है ।
हम यहाँ उत्तमा भक्ति की शिक्षाएँ प्रदान करते हैं जैंसे वे श्री चैतन्य ने और हमारे गुरुदेवजी ने संझाई गयी थीं । उत्तमा भक्ति यह अंतिम स्तर है जिसको सब ऐसे लोग प्राप्त करना चाहते हैं जिनहोने अपने जीवन को श्रीकृष्ण की सेवा के लिए समर्पित किया हैं ।
हम यहाँ यह दिखाना चाहते हैं कि प्रामाणिक गुरुदेवजी के अादेश पालन करके इस पथ में हम सरलता व आसानी से ही चल सकते हैं । यहाँ दर्शाया जाता हैं कि इस तरह से अपने व्यक्तित्व को रखकर अपने आध्यात्मिक लक्ष्यों का अनादर किये बिना ही हम अपने प्रतिदिन के कार्य निबाह सकते हैं । इस सबको निस्वार्थी गोसेवा, शास्त्रसेवा व हमारे प्रिय श्रीविग्रहों की सेवा से ही प्राप्त करना संभव है ।
“रिसर्सिस” में इन विषयों के बारे में ज़्यादी जानकारियाँ मिलती हैं । उन में से फ़ोरम एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा आप संभाषण में भाग ले सकते हैं और जिसमें हमारे केंद्र के कार्य विस्तार से ही देखेंगे । आपके लिए ईबुक्स भी उपलब्ध हैं जिनका डाउनलोड नि:शुल्क रूप से किया जा सकते है ।